<span bis_size="{"x":2,"y":3,"w":1014,"h":67,"abs_x":498,"abs_y":551}" style="font-size: 13.3333px;">हमारे कृषि-प्रधान छत्तीसगढ़ में त्योहारों की शुरुआत हरेली से होती है जिस दिन किसान खेती में उपयोग होने वाले सभी औजारों की पूजा करते हैं। हमें इस बात पर गर्व है कि चैतन्य महाविद्यालय के औेज़ार, या कह लें कि उसकी शक्ति उसके स्टाफ और स्टूडेंट्स की प्रतिभा में है। आज 18 वर्षों का ये पड़ाव इस बात का सबूत है कि हौसले और मेहनत से बड़े से बड़े लक्ष्य पार किए जा सकते हैं। महाविद्यालय से निखरे हुए छात्र आज देश-विदेश में अपनी टैलेंट की धाक जमा रहे हैं और हमें ये बता रहे हैं कि जितना हमारा परिश्रम बढ़ता है उतनी ही बढ़त हमारे सफल की संभावनाओं में भी होती है। हर साल की तरह आज का ये संस्थापना दिवस भी आपका है, बहुत बहुत बधाई हम सभी को। आइए समाज के लिए एक सुनहरा उदाहरण बनें।</span>