पामगढ़- चैतन्य कॉलेज पामगढ़ में एक दिवसीय म्यूजिक थेरैपी कार्यशाला आयोजित किया गया जिसमें मुख्यवक्ता के रूप में अंतराष्ट्रीय संस्था द ओतकर क्राउस म्युजिक ट्रस्ट यू.के. इंग्लैंड की संचालक डॉ. मार्गेट लोबो , आनंद वीर सिंह म्यूजिक थेरेपिस्ट एस्वास सेंटर दिल्ली,डॉ आई.एस.सूरी पूर्व विभागाध्यक्ष शिक्षा संकाय नागालैंड वि.वि. एवं डॉ. पियाली आचार्य मास्टर ट्रेनर राजीव गांधी नेशनल इंस्टीट्यूट फ़ॉर यूथ दिल्ली, प्राचार्य डॉ.शरद के. बाजपेयी विशेष रूप से उपस्थित थे, कॉलेज संचालक वीरेंद्र तिवारी ने अभ्यागतों का पुष्प गुच्छ से स्वागत किया। इस बीच डॉ.गरिमा तिवारी वानिकी विभाग गुरुघासीदास केंद्रीय वि.वि बिलासपुर ने स्वागत भाषण देते हुए कहा कि डॉ.मार्गेट लोबो ने लगभग 35 वर्षो से म्यूजिक थैरेपी के माध्यम से जीवन को बेहतर और तनाव मुक्ति हेतु कार्य कर रही है, संगीत से बीमारियों व अवसादों का उपचार एक विशेष कला है जिसका लाभ म्यूजिक के विभिन्न आयामो से प्राप्त किया जाता है परंतु जिसकी जानकारी कम ही लोगो को है। डॉ.लोबो ने चैतन्य कॉलेज के द्वारा किये गए भव्य स्वागत से अभिभूत होते हुए कॉलेज संचालक वीरेंद्र तिवारी व महाविद्यालय की व्यवस्था एवं अनुशासन की प्रशंसा करते हुए शुभकामना सन्देश दिया, डॉ. लोबो ने माता सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलित कर कार्यशाला का शुभारंभ किया ।आपको बता दे कि चैतन्य कॉलेज पामगढ़ में व पामगढ़ क्षेत्र में पहली बार इस तरह का आयोजन किया गया था। ड़ॉ. मार्गेट लोबो ने छात्र -छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि कचरा उठाने वाले बच्चों पर किये गए म्यूजिक थेरेपी के उपचार के अनुभव को साझा किया
गोवा में पढ़ाई छोड़ कर कचरा चुनने का कार्य करने वाले बच्चों की स्थिति का अध्ययन किया गया था उन्होंने पाया कि ज्यादातर बच्चे गहरे अवसाद में थे.वे किसी से बात तक करने में कतराते थे। स्थानीय पुलिस व सरकारी डॉक्टरों द्वारा किये गए उनके पुनर्वास के प्रयास निष्फल साबित हो चुके थे। ऐसे में डॉ. लोबो और उनके दल ने उन बच्चों पर म्यूजिक थेरेपी का प्रयोग किया। जिसके परिणाम बेहद उत्साह जनक रहे। इस प्रयोग को स्थानीय सरकारी स्कूलों में भी किया गया।डॉ.लोबो ने कहा कि सभी बच्चों के पास अच्छा जीवन जीने के बराबर अवसर होने चाहिए। म्यूजिक थेरेपी उन्हें यह अवसर देने में मदद करती है। म्यूजिक थेरेपी के दौरान हम व्यक्ति को मौका देते है कि वे अपनी रचनात्मकता को उभारे। संगीत संचार व समन्वय का उत्तम साधन है । इसी बीच म्यूजिक थेरेपिस्ट आनंद वीर सिंह ने पी.पी.टी.के माध्यम से म्यूजिक थेरेपी के क्षेत्र और महत्व के बारे में बताया।उन्होंने बताया कि अस्पताल , शिक्षण संस्था नर्सिंग हाउस मनोवैज्ञानिक चिकित्सा पुनर्वास केंद्रों में म्यूजिक थेरेपी का उपयोग किया जाता है। 2 साल से अधिक उम्र के सभी व्यक्तियों इसका लाभ उठा सकते हैं। अकेलेपन की कमियों घरेलू हिंसा, सदमा,दर्द , दुर्व्यवहार की हीन भावना से ग्रस्त व्यक्ति को ठीक किया जा सकता है।भावनाओं के प्रबंधन उम्मीदो के प्रबंधन अंदर के संगीत की समझ विकसित करने खुद को पहचानने में संगीत कारगर है। उन्होंने बांसुरी व माउथ ऑर्गन के जरिये विभिन्न मानवीय भावनाओं को दर्शाने वाले संगीत को महसूस कराया। डॉ .आई .एस. सूरी ने म्यूजिक थैरेपी से मिलने वाले लाभ को बतलाया साथ ही अवसादों मुक्ति के लिए संगीत को बेहतर दवा भी बताया। डॉ. विवेक जोगलेकर ने गीत गाकर विभिन्न रागों व शास्त्रीय संगीत , ब्रह्मनाद ,राग भैरवी को सुंदर ढंग से बतलाया व संगीत को मन मस्तिष्क को नियंत्रण करने का साधन बताया ।डॉ. पियाली आचार्य ने भी संगीत से विभिन्न रोगों का इलाज बताते हुए ,आज के भागमभाग भरे जीवन मे संगीत आधुनिक युग की आवश्यकता है जिससे तनाव का प्रबंधन करने में सहायता मिलती है। प्राचार्य डॉ. शरद के.बाजपेयी ने इस तरह के आयोजन से विद्यार्थियों को मिलने वाले लाभ को रेखांकित करते हुए संगीत और जीवन का सम्बंध जन्म से लेकर मृत्यु तक साथ होना बतलाया, सुख और दुख में संगीत मित्र की भूमिका निभाता है। कॉलेज संचालक वीरेंद्र तिवारी ने डॉ. लोबो व आनंद सिंह को स्मृति चिन्ह भेंट करते हुए आभार प्रकट किया उन्होंने कहा कि आप लोगो के आगमन से पामगढ़ की धरा आज धन्य हो गई ,संगीत से उपचार मानव समाज की जरूरत होने के साथ -साथ जीवन को सही दिशा देने में भी सहायता करती है।।